मालदीव को हो गया भारत की ताकत का अहसास, नई दिल्ली पहुंचे मुइज्जू; किससे होगी मुलाकात?…
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार को नई दिल्ली पहुंच गए।
पिछले साल मुइज्जू ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था, जिससे भारत और मालदीव के बीच रिश्ते बिगड़ गए थे।
सत्ता में आने के बाद मुइज्जू ने भारतीय सेना को भी मालदीव से वापस भेज दिया था। हालांकि, चीन के साथ करीबी रिश्ते रखने वाले मुइज्जू को भारत की ताकत का उस समय अहसास हो गया, जब भारतीय पर्यटकों ने मालदीव से मुंह मोड़ लिया और द्वीप देश की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी।
आनन-फानन में मालदीव ने भारत के साथ नए सिरे से रिश्ते सुधारने की कोशिश शुरू कर दी।
मोहम्मद मुइज्जू के साथ मालदीव की फर्स्ट लेडी साजिदा मोहम्मद भी नई दिल्ली पहुंची हैं। मुइज्जू की भारत के साथ यह पहली द्वीपक्षीय यात्रा है।
इस दौरान, उनकी मुलाकात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई अन्य से होगी। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आधिकारिक निमंत्रण पर मुइज्जू 6-10 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आए हैं। हाल ही में न्यूयॉर्क में 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के दौरान मुइज्जू ने एएनआई से कहा कि वह जल्द से जल्द भारत आने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की भी प्रशंसा की।
मोहम्मद मुइज्जू ने एएनआई से कहा था, “मैं जल्द से जल्द (भारत) यात्रा की योजना बना रहा हूं…हमारे बीच बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं।”
इस साल मुइज्जू का भारत दौरा दूसरी बार है, इससे पहले वे जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि पहले की परंपरा के अनुसार, मालदीव के लगभग हर राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा भारत में ही करते थे, लेकिन मुइज्जू ने पदभार संभालने के बाद पहले तुर्की और फिर चीन का दौरा करके इस चलन को बदल दिया था।
इससे भारत और मालदीव के रिश्ते बिगड़ गए थे। सत्ता में आने के बाद से मुइज्जू सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जो भारत-मालदीव संबंधों के लिहाज से अपरंपरागत रहे हैं।
रिश्तों को फिर से संवारना है उद्देश्य
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा का उद्देश्य नवंबर से तनाव में चल रहे रिश्तों को फिर से संवारना है। चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू के नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया।
मुइज्जू ने शपथ लेने के कुछ ही घंटे के भीतर अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी की मांग की थी। इसके बाद भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह नागरिकों ने ले ली।
वहीं, जब मुइज्जू चीन गए तो उन्होंने वहां राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पर्यटन समेत 20 समझौते किए थे। वहीं, इस साल की शुरुआत में मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे, जिससे रिश्ते और बिगड़ गए।
हालांकि, मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करके मुइज्जू ने संबंध सुधारने की कवायद की थी।
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