असम में बाढ़ से अब तक 52 लोगों की हुई मौत, अरुणाचल में भी स्थिति गंभीर

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असम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 52 हो गई है। बाढ़ से 29 जिलों के 21.13 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। प्रदेश में अधिकांश प्रमुख नदियों में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। सोनितपुर जिले में दो जबकि मोरीगांव, डिब्रूगढ़, दरांग, गोलाघाट, बिस्वनाथ और तिनसुकिया जिले में एक-एक व्यक्ति की जान गई।

पानी में 11 जानवर डूब गए

प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित जिलों में 515 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां करीब 3.86 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ का पानी घरों में घुसने के बाद कई बाढ़ प्रभावित लोग सुरक्षित स्थानों, ऊंची स्थलों, स्कूल भवनों, सड़कों और पुलों पर शरण ले रहे हैं। इस बीच, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के पानी में 11 जानवर डूब गए हैं, जबकि 65 अन्य जानवरों को बचा लिया गया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएम) की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, दो जुलाई को तिनसुकिया जिले में दो लोगों की मौत हो गई जबकि धेमाजी जिले में एक व्यक्ति की जान चली गई।

ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

मंगलवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई, बाढ़ के पानी ने 42,476.18 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। इस बाढ़ में कुल 2800 गांव प्रभावित हुए हैं। ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर नेमाटी घाट, तेजपुर, गुवाहाटी और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर है। इसके अलावा प्रदेश में अन्य नदियां भी उफान पर हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

प्रशासन, सेना, अर्धसैनिक बल, एसडीआरएफ बचाव कार्य में लगी

इस बीच स्थानीय प्रशासन, सेना, अर्धसैनिक बल, एसडीआरएफ की बचाव टीमें कई जगहों पर बचाव कार्य में लगी हुई हैं और मंगलवार को विभिन्न बाढ़ प्रभावित इलाकों से करीब 2,900 लोगों को बचाया गया। प्रशासन ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच 10754.98 क्विंटल चावल, 1958.89 ¨क्विंटल दाल, 554.91 क्विंटल नमक और 23061.44 लीटर सरसों का तेल वितरित किया और मवेशियों को चारा भी उपलब्ध कराया। एएसडीएमए बाढ़ रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से 11,20,165 जानवर भी प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के पानी ने 100 सड़कों, 14 पुलों और 11 तटबंधों को नुकसान पहुंचाया।

सीएम सरमा ने नाव से किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

प्रेट्र के अनुसार, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। कामरूप जिले में बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा- 'राज्य में विनाशकारी बाढ़ मुख्य रूप से पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश में बादल फटने के कारण आई है।'

उन्होंने कहा कि चीन, भूटान और अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के कारण असम में बाढ़ आई और यह भौगोलिक कारण है और हमारे नियंत्रण से बाहर है। उन्होंने राहत शिविरों में भोजन और चिकित्सा सहायता के साथ-साथ क्षतिग्रस्त तटबंधों और सड़कों की मरम्मत के काम का आश्वासन दिया। सरमा को लाइफ जैकेट पहने और नाव में अधिकारियों के साथ जलमग्न क्षेत्रों में जाते देखा गया।

अरुणाचल में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर

अरुणाचल प्रदेश में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि 60,000 से अधिक लोग प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि चार जिलों नामसाई, लोहित, चांगलांग और पूर्वी सियांग में भीषण बाढ़ आई है जबकि अन्य जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के बाद भूस्खलन हुआ है।

उधर लगातार बारिश के कारण मणिपुर के इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों में कई स्थानों पर बाढ़ आ गई है, क्योंकि दो प्रमुख नदियों के तटबंध टूट गए हैं। सेनापति जिले में सेनापति नदी में कम से कम दो लोग डूब गए।

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