डाकुओं से छुड़ाया जहाज, भारतीय नेवी के मुरीद हुए बुल्गारिया के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिया जवाब…

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भारतीय नौसेना ने एक बेहद सफल अभियान के दौरान सोमालिया के 35 समुद्री डाकुओं को पकड़ लिया और उनके द्वारा बंधक बनाए गए 17 लोगों को भी सुरक्षित आजाद करा लिया।

जहाज से छुड़ाए गए लोगों में सात बुल्गारिया के नागरिक हैं। अब अपने नागरिकों और उनके जहाज को सुरक्षित बचाने के लिए बुल्गारिया के राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना की जमकर तारीफ की है।

राष्ट्रपति रूमेन राडेव ने एक्स पर लिखा, “भारतीय नेवी ने हाइजैक बल्गेरियाई जहाज “रुएन” और 7 बल्गेरियाई नागरिकों सहित उसके चालक दल को सुरक्षित बचा लिया। भारतीय नौसेना के बहादुरी भरी अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेरा हार्दिक आभार।” प्रधानमंत्री मोदी ने भी बुल्गारिया के राष्ट्रपति को जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति रूमेन राडेव आपके संदेश की सराहना करते हैं। हमें खुशी है कि 7 बुल्गारियाई नागरिक सुरक्षित हैं और जल्द ही घर लौट आएंगे। भारत नेविगेशन की स्वतंत्रता की रक्षा करने और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती और आतंकवाद से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।”

नौसेना ने हाइजैक जहाज को सोमाली डाकुओं के चंगुल से छुड़ाया, 40 घंटे चला अभियान

भारत की नौसेना ने शनिवार को एक सुव्यवस्थित अभियान के तहत भारतीय तट से लगभग 2,600 किलोमीटर दूर पूर्व में माल्टा के झंडे वाले व्यापारिक जहाज (एमवी) रुएन को अपने कब्जे में ले लिया।

इस अभियान के बारे में विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले लगभग सात वर्ष में सोमालिया के समुद्री डाकुओं से किसी जहाज को इस तरह से छुड़ाने का यह पहला सफल अभियान है।

नौसेना ने करीब 40 घंटे के अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और सी गार्जियन ड्रोन को तैनात किया। अभियान के लिए सी-17 विमान से विशिष्ट मार्कोस कमांडो को उतारा गया।

इससे पहले बुल्गारिया की विदेश मंत्री मारिया गेब्रियल ने अपहृत जहाज और उनके देश के सात नागरिकों सहित चालक दल के सदस्यों को बचाने के सफल अभियान के लिए भारतीय नौसेना का आभार व्यक्त किया। गेब्रियल की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, ”दोस्त इसी के लिए होते हैं।”

नौसेना ने बताया कि एमवी रुएन का सोमालिया के जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था। एक बयान में, नौसेना ने कहा कि एमवी रुएन की समुद्री यात्रा की क्षमता का आकलन किया जा रहा है और पोत पर लगभग 37,800 टन माल लदा है जिसकी कीमत करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर है।

इसे सुरक्षित भारत लाया जाएगा। यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर बढ़ते हमलों के बाद रणनीतिक जलमार्गों पर निगरानी रखने के लिए नौसेना ने 10 से अधिक युद्धपोत तैनात किए हैं।

नौसेना ने बताया कि आईएनएस कोलकाता ने बुधवार सुबह रुएन को रोका और ड्रोन के जरिए सशस्त्र समुद्री डाकुओं की मौजूदगी की उस पर पुष्टि हुई।

उसने बताया कि डाकुओं ने ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी की। आईएनएस कोलकाता ने जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को अक्षम कर दिया, जिससे उसे नौकायन बंद करना पड़ा।

इसके बाद सी-17 विमान से मार्कोस कमांडो उतारे गए जिन्होंने जहाज को जब्त कर लिया, समुद्री डाकुओं को पकड़ लिया और रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को रिहा करा लिया।

बयान में कहा गया है कि पिछले 40 घंटों में भारतीय नौसेना के लगातार दबाव और सुनियोजित कार्रवाई के कारण सोमालिया के सभी 35 समुद्री डाकुओं ने आत्मसमर्पण कर दिया।

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