नेतन्याहू ‘गाजा का कसाई’, चुकानी होगी कीमत; हमास हमले की बरसी पर एक और मुस्लिम देश भड़का…
हमास हमले की बरसी पर जहां इजरायल शोक के सागर में डूबा हुआ है और बदले की आग में झुलस रहा है।
इस बीच एक और मुस्लिम बहुल राष्ट्र तुर्की ने इजरायल पर जमकर हमला बोला है।
गाजा में नरसंहार का आरोप लगाते हुए तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को गाजा का कसाई कहा कि उसे कभी न कभी इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
एर्दोगन ने ये बयान हमास हमले की पहली बरसी पर कहा। बता दें कि पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास नरसंहार में 1200 से अधिक इजरायलियों की मौत हो गई थी।
इसके बाद हमास आतंकियों ने 250 इजरायलियों को बंधक बना लिया था। अभी भी 101 लोग हमास के कब्जे में हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने हमास हमले की बरसी पर इजरायल को गाजा में हुए “नरसंहार” की कीमत चुकानी होगी। उसने युद्ध को जन्म दिया है। इजरायली नरसंहार में गाजा में मरने वालों की संख्या 44 हजार पार कर गई है। उन्होंने एक्स पर कहा, “यह नहीं भूलना चाहिए कि इजरायल को देर-सवेर इस नरसंहार की कीमत चुकानी पड़ेगी। वह इस युद्ध को पिछले एक साल से चला रहे हैं और यह अभी भी जारी है।”
हिटलर से तुलना
फिलिस्तीनी मुद्दे के मुखर समर्थक और हमास आतंकवादी समूह के समर्थक एर्दोगन ने अक्सर इजरायल पर हमला किया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को “गाजा का कसाई” करार दिया और उनकी तुलना जर्मनी के पूर्व तानाशाह कुख्यात एडोल्फ हिटलर से की।
एर्दोआन ने कहा, “जिस तरह हिटलर को मानवता के लिए रोका गया। उसी तरह नेतन्याहू और उनके नेटवर्क को भी रोका जाएगा। जिसके लिए गाजा नरसंहार कोई बड़ी बात नहीं, उसे कभी शांति नहीं मिलेगी।”
एर्दोगन ने गाजा और अब लेबनान में संघर्ष को रोकने में अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की विफलता की भी आलोचना की और कहा, “इजरायल की नरसंहार, कब्जे और आक्रमण की नीति अब समाप्त होनी चाहिए।”
वहीं, हमास ने इजरायल पर आरोप लगाया है कि वे युद्धविराम चाहते नहीं हैं। हमास के मुख्य वार्ताकार और उप गाजा प्रमुख खलील अल-हय्या ने कहा है कि गाजा में बमबारी शुरू होने के एक साल बाद और हमास के लचीलेपन के बावजूद इजरायल अब भी संघर्ष विराम समझौते को रोक रहा है।
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