मैदान में मजबूत होने के लिए ग्राम पंचायत तक पहुंचेगी कांग्रेस

0

भोपाल । सेक्टर, मंडलम और वार्ड के बाद कांग्रेस ने अब मैदान में मजबूत होने के लिए ग्राम पंचायत तक पहुंचने का फैसला लिया है। पार्टी की संगठन स्तर की सबसे छोटी इकाई अब ग्राम पंचायत स्तर की रहेगी। इसके लिए दो महीने का एक चरणबद्ध कार्यक्रम तय किया गया है। इसकी शुरुआत प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रभारी नियुक्त करने के साथ ही हो जाएगी। अलग-अलग स्तर पर विचार-विमर्श और पार्टी नेताओं के बीच हुए सामूहिक मंथन के बाद यह बात सामने आई थी कि पंचायत स्तर पर संगठन का कोई ढांचा नहीं होने के कारण पार्टी का काम और कार्यक्रम निचले स्तर पर व्यवस्थित तरीके से आकार ही नहीं ले पाते। ग्रामीण नेतृत्व भी इस कारण उभर नहीं पाता है। इसी के चलते ग्राम पंचायत स्तर पर पार्टी की सबसे छोटी इकाई के गठन का निर्णय लिया गया। इसके पहले कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा सबसे छोटे स्तर पर वार्ड स्तर का था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मुताबिक अगले दो महीने में इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए 30-30 दिन के दो चरण में काम होगा। सबसे पहले 230 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रभारी नियुक्त कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रभारी जिला कांग्रेस कमेटियों के साथ तालमेल जमाकर इस काम को आगे बढ़ाएंगे। जरूरत पडऩे पर भी संबंधित जिले में एक टीम बनाकर काम करेंगे। प्रदेश कांग्रेस द्वारा इस काम की सतत मॉनीटरिंग होगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रभारी के प्रशिक्षण के बाद 60 दिन में हर हालत में यह काम पूरा कर लिया जाए। पंचायत स्तर की इकाई का भी एक ढांचा रहेगा और इसी के मुताबिक पदाधिकारी बनाए जाएंगे। पार्टी ने यह भी तय किया है कि शहर व जिला स्तर पर जहां भी वार्ड इकाइयों का गठन नहीं हुआ है उस काम को भी संबद्ध इकाइयों के माध्यम से प्राथमिकता से पूर्ण किया जाएगा। यह काम भी पंचायत इकाई के गठन के साथ-साथ ही चलेगा। इसके लिए जिला प्रभारी की बैठक जल्दी ही बुलाई जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए कमलनाथ ने सबसे ज्यादा जोर सेक्टर और मंडलम के गठन पर दिया था और विधानसभा चुनाव के पहले इस काम में पूरी ताकत झोंक दी थी। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट के लिए जिन लोगों का दावा था उन्हें भी इस काम में लगाया गया था। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदाप्रसाद प्रजापति इसके प्रभारी थे, लेकिन अपेक्षा के मुताबिक काम न होने पर कमलनाथ ने सारे सूत्र अपने हाथ में ले लिए थे। लेकिन अभी भी कई जगह सेक्टर और मंडलम स्तर पर संगठन का ढांचा खड़ा नहीं हो पाया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.