क्यों किन्नरों का आशीर्वाद कभी नहीं जाता खाली? भगवान राम के वनवास से जुड़ा है किस्सा

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किन्नर हमारे समाज का ही अंग हैं, लेकिन लोगों का इन्हें देखने का नजरिया एक दम अलग है. ऐसा माना जाता है कि किन्नर की वाणी आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है. किन्नरों का आशीर्वाद और श्राप दोनों ही खाली नहीं जाता. यही कारण है कि किन्नर शादी-ब्याह या किसी मांगलिक कार्य के दौरान जब घर आकर नाच-गाना करते हैं तो लोग भी उन्हें खुश करने का पूरा प्रयास करते हैं. किन्नरों की मांग अधिक होने पर भी लोग चाहते हैं कि वे उसे पूरा कर सकें ताकि उन्हें आशीर्वाद मिले. इसके अलावा सड़क पर दिखाई देने या किसी अनुष्ठान या मठ आदि पर किन्नर मिलने पर भी लोग उनका आशीर्वाद लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन्नरों का आशीर्वाद इतना महत्वपूर्ण क्यों होता है और इसके पीछे क्या रहस्य है? यदि नहीं तो आइए जानते हैं 

भगवान राम से जुड़ी है कहानी
पौराणिक कथा के अनुसार, ऐसा कहा जाता कि जब प्रभु राम को 14 वर्षों का वनवास हुआ तो अयोध्या भावुक हो उठी और सभी ने उन्हें रोकने की कोशिश की. लेकिन पिता को दिए हुए वचन को निभाने की बात कहकर जब भगवान राम ने अयोध्या छोड़ने का निर्णय लिया तो पूरे अयोध्यावासी भगवान राम, सीता माता और भाई लक्ष्मण को छोड़ने के लिए आए थे. इनमें किन्नर समाज भी शामिल था.

वन की ओर आगे बढ़ते भगवान राम को कोई भी छोड़ना नहीं चाहता था, इसलिए सभी लोग रामजी के पीछे चल रहे थे. यह देखकर प्रभु राम ने सभी लोगों को अपना प्यार देते हुए आग्रह किया कि सभी लोग ‘सभी नर और नारी अपने-अपने घर को वापस चले जाएं, उन्होंने सभी से 14 वर्ष बाद लौटकर वापस आकर मिलने को कहा.

ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम की इस बात को सुनकर सभी पुरुष और स्त्री वहां से चले गए, लेकिन किन्नर समाज के लोग वहीं खड़े होकर 14 साल के लिए भगवान राम का इंतजार करते रहे और जब मर्यादापुरुषोत्तम राम वापस लौटे तब किन्नर समाज वहीं खड़ा मिला.
 

किन्नर समाज को उसी स्थान पर देखकर भगवान राम काफी भावुक हुए और उनसे इसका कारण पूछा, जिस पर किन्नरों ने कहा कि प्रभु आपने सभी नर और नारी को लौटने को कहा था हमें नहीं, इसलिए हम 14 वर्षों से आपका इंतजार कर रहे थे. उनकी इस बात को सुनकर भगवान राम ने ये आशीर्वाद दिया कि उनके द्वारा दिया गया आशीर्वाद कभी खाली नहीं जाएगा.
 

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